इक ख़याल बनके वो दिल से गुजर गया
फिर क्या जाने कैसे लबों पे ठहर गया
कोई नाम होगा या कोई ख्याल तनहा
दस्तक जिसकी पाके ये दिल सिहर गया
इक जान चाहिए है गर्मजोशी को
वरना क्यूँ तेरे जाते मै ठीठर गया
शाम से संजोया मैंने खाब रातों को
दस्तक सहर ने दी और वो बिखर गया
अश्क उसका बारहा सता रहा मुझे
हटाओ, कहो उसे, अब मै गुज़र गया
very good...
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तख़लीक़-ए-नज़र
मेयनूर जी ज़ुलेख़ा शब्द का अर्थ है सुन्दर और बुद्धिमान युवती! ज़ुलेख़ा फ़ारसी कहानियों की एक नायिका है जो कि बहुत ख़ूबसूरत थी और अपनी महान बुद्धिमत्ता के लिए प्रसिद्ध थी! सो हमने भी वैसी ही एक नायिका की कल्पना कर ली!
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