Thursday, March 5, 2009

अधूरा चाँद

कहते है
चाँद कभी 
अधूरा नही होता
वो तो बस
जमीं की छलनी से
ऐसे अधूरा सा लगता है
वैसे ही
जैसे 
खुदा का प्यार
किस्मत की छलनी से

8 comments:

  1. बहुत-बहुत सुन्दर! बहुत सच्चा लिखा है!

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  2. आपका हिन्दी चिट्ठाजगत में हार्दिक स्वागत है. आपके नियमित लेखन के लिए अनेक शुभकामनाऐं.

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  3. chand to pura hee hota hai bas aankhe hai jo dekhati hai usko adhura, narayan narayan

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  4. bahut sundar..........
    हिंदी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है ,आपके लेखन के लिए मेरी शुभकामनाएं ...........

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  5. ब्लोगिंग जगत मे स्वागत है
    सुंदर रचना के लिए शुभकामनाएं
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

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  6. बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

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  7. Aap sabhi ka bahut bahut shukriya...

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  8. bahut khub.... aap ki iss chhoti si kavitaa padh dil khush ho gaya... Aap bahut hi achha likhte hai... Keep up.. :)

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